लोकसभा और राज्यसभा क्या है

लोकसभा और राज्यसभा क्या है मे लोकसभा की सदस्यता के लिए अनिवार्य योग्यता क्या है, राज्यसभा और लोकसभा की शक्तिया, राज्यसभा सीट कितनी है? और लोकसभा सीट कितनी है?” के बारे मे बताया गया है –

राज्यसभा और लोकसभा में कितनी सीटें हैं

राज्य सभा (उच्च सदन) – Parliament of India

  1. राज्यसभा के सदस्यों की अधिक से अधिक संख्या 250 हो सकती है। (राज्य सभा की संरचना अनुच्छेद – 80)
  2. वर्तमान समय में यह संख्या 245 है। इनमें 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाते है। ये ऐसे व्यक्ति होते है जिन्हे कला, साहित्य, विज्ञान, समाजसेवा या सहकारिता के क्षेत्र में विशेष ज्ञान या अनुभव है। शेष 233 सदस्य संघ की इकाइयों का प्रतिनिधित्व करते है।
  3. राज्य सभा की सदस्यता के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 30 वर्ष है।
  4. राज्य सभा एक स्थाई सदन है जो कभी भंग नहीं होती। इसके सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है। इसके एक तिहाई सदस्य प्रति दो वर्ष बाद सेवा-निवृत्त हो जाते है। [अनुच्छेद-83(a)]

राज्यसभा सीट कितनी है :-

राज्य सभा में सदस्यों की संख्या 
राज्य संख्या 
1. उत्तरप्रदेश 31
2. महाराष्ट्र 19
3. आंध्र प्रदेश 11
4. तमिलनाडु 18
5. बिहार 16
6. पश्चिम बंगाल 16
7. कर्नाटक 12
8. मध्य प्रदेश 11
9. गुजरात 11
10. ओडिशा 10
11. राजस्थान 10
12. केरल 9
13. पंजाब 7
14. असम 7
15. तेलंगाना 7
16. झारखंड 6
17. छत्तीसगढ़ 5
18. हरियाणा 5
19. जम्मू-कश्मीर 4
20. हिमाचल प्रदेश 3
21. उत्तराखंड 3
22. नागालैंड 1
23. मिजोरम 1
24. मेघालय 1
25. मणिपुर 1
26. त्रिपुरा 1
27. सिक्किम 1
28. अरुणाचल प्रदेश 1
29. गोवा 1
संघीय क्षेत्र 
दिल्ली 3
पुदुचेरी 1

राज्य सभा का सभापति एवं उपसभापति (अनुच्छेद 89)

  1. भारत का उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पदेन सभापति होगा।
  2. राज्य सभा यथाशीघ्र, अपने किसी सदस्य को अपना उपसभापति चुनेगी और जब-जब उपसभापति का पद रिक्त होता है तब-तब राज्यसभा किसी अन्य सदस्य को अपना उपसभापति चुनेगी।

उपसभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना (अनुच्छेद 90)

  1. उपसभापति यदि राज्य सभा का सदस्य नहीं रहता है तो अपना पद रिक्त कर देगा;
  2. सभापति को संबोधित त्यागपत्र द्वारा वह अपना पद त्याग सकेगा;
  3. राज्य सभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकेगा परन्तु इस संकल्प को प्रस्तावित करने के आशय की सूचना उसे कम से कम 14 दिन पहले देनी होगी।
राज्य सभा सदस्य, जो प्रधानमंत्री बने
इंदिरा गाँधी 1966 – 67
एच. डी. देवगौड़ा  1996 – 97
आई. के. गुजराल  1997 – 98
डा. मनमोहन सिंह  2004 – …
  • मंत्रिपरिषद राज्यसभा के प्रति उत्तरदायी नहीं होती है।
  • अनुच्छेद 249 के अनुसार यदि राज्य सभा उपस्थित तथा मत देने वाले सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से प्रस्ताव पारित कर यह घोषित करती है कि राज्य सूची में उल्लिखित कोई विषय राजस्तरीय महत्व का है तो संसद उस विषय पर अस्थायी कानून का निर्माण कर सकती है। ऐसी प्रस्ताव एक वर्ष से अधिक प्रभावी नहीं रहता है, लेकिन यदि राज्य सभा चाहे तो हर बार इसे एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है।
  • केवल राज्य सभा को राज्यसभा में उपस्थित तथा मतदान देने वाले सदस्यों के कम से कम दो तिहाई सदस्यों के बहुमत से अखिल भारतीय सेवाओं का सृजन का अधिकार है। (अनुच्छेद 312)
  • धन विधेयक के संबंध में राज्य सभा को केवल सिफारिशें करने का अधिकार है जिसे मैंने के लिए लोकसभा बाध्य नहीं है। इसके लिए राज्य सभा को 14 दिन का समय मिलता है यदि इस समय में विधेयक वापस नहीं होता तो पारित समझा जाता यही। राज्य सभा धन विधेयक को न अस्वीकार कर सकती है और न ही उसमे कोई संशोधन कर सकती है।
  • राष्ट्रपति वर्ष में कम से कम दो बार राज्य सभा का अधिवेशन आहूत करता है। राज्य सभा के एक स्तर की अंतिम बैठक तथा अगले स्तर की प्रथम बैठक के लिए नियत तिथि के बीच 6 माह से अधिक अंतर नहीं होना चाहिए।
  • राज्य सभा का पहली बार गठन पहली बार 3 अप्रैल, 1952 ईस्वी को किया गया था। इसकी पहली बैठक 13 मई, 1952 ईस्वी को हुई थी।
संसद भवन
यह एक वृत्ताकार भवन है जिसकी डिजाइन आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस एवं सर हेबर्ट ब्रेकर ने 1912 – 13 में तैयार किया था। भवन की नींव 12 फरवरी, 1921 को रखी गई थी। संरचना की बाहरी परिधि 144 ग्रेनाइट पत्थरों के स्तम्भ पर टिकी हुई है।

लोकसभा (लोक सभा की संरचना अनुच्छेद 81) – Parliament of India

  1. लोकसभा संसद का प्रथम या निम्न सदन है, जिसका सभापतित्व करने के लिए एक अध्यक्ष होता है। लोकसभा अपनी पहली बैठक के पश्चात यथाशीघ्र अपने दो सदस्यों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में चुनती है (अनुच्छेद 93)
  2. मूल संविधान में लोकसभा की सदस्य-संख्या 500 निश्चित की गयी है। अभी इसके सदस्यों की अधिकतम सदस्य संख्या 552 हो सकती है। इनमे से अधिकतम 530 सदस्य राज्यों के निर्वाचन क्षेत्रों से व् अधिकतम 20 सदस्य संघीय क्षेत्रों से निर्वाचित किये जा सकते है एवं राष्ट्रपति आंग्ल- अधिकतम दो सदस्यों का मनोनयन कर सकते है। वर्तमान में लोकसभा का सदस्य संख्या 545 है इन सदस्यों में 530 सदस्य 28 राज्यों से  13 सदस्य 7 केंद्र शासित प्रदेशों से निर्वाचित होते है व दो सदस्य आंग्ल भारतीय वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रपति द्वार मनोनीत होते है (अनुच्छेद 331)
  3. नये परिसीमन के बाद लोकसभा में अनुसूचित जातियों के लिए 84 स्थान एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 47 स्थान आरक्षित किये गये है (अनुच्छेद 330)
  4. 2001 ईस्वी में संसद द्वारा पारित 84 वे संविधान संशोधन विधेयक के अनुसार लोकसभा एवं विधानसभाओं की सीटों की संख्या 2026 ईस्वी तक यथावत रखने का प्रावधान किया गया है।
  5. लोकसभा के सदस्यों का चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा वयस्क मताधिकार (18 वर्ष) के आधार पर होता है।
  6. 61 वे संविधान संशोधन (1989) के अनुसार भारत में अब 18 वर्ष की आयु प्राप्त व्यक्ति को वयस्क मन जाता है।
  7. लोकसभा में अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जन जातियों के लिए राज्यवार जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान है, किया गया है (अनुच्छेद 330, 332) यह प्रावधान प्रारम्भ में 10 वर्ष के लिए किया गया था, किन्तु इसे संविधान संशोधन द्वारा 10-10 वर्ष के लिए आगे बढ़ाया जाता रहा है। वर्तमान में 95 संशोधन (2009) द्वारा अनुच्छेद 334 में संशोधन कर लोकसभा में अनुसूचित जातियों व अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण तथा आंग्ल भारतीयों को मनोनीत करने संबंधी प्रावधान को 2020 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
  8. सबसे अधिक मतदाता वाला लोकसभा क्षेत्र – बाहरी दिल्ली (मतदाता 3368399) .
  9. सबसे कम मतदाता वाला लोकसभा क्षेत्र -लक्षद्वीप (मतदाता-39033)
  10. क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा लोकसभा क्षेत्र – लद्दाख (क्षेत्रफल 173266)
  11. क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा लोकसभा क्षेत्र – चांदनी चौंक, दिल्ली (10.59)

लोकसभा सीट कितनी है :-

लोक सभा में सदस्यों की संख्या 
राज्य संख्या 
1. उत्तर प्रदेश 80
2. महाराष्ट्र 48
3. आंध्रप्रदेश 25
4. पश्चिम बंगाल 42
5. बिहार 40
6. तमिलनाडु 39
7. मध्य्प्रदेश 29
8. कर्नाटक 28
9. गुजरात 26
10. राजस्थान 25
11. ओडिशा 21
12. केरल 20
13. तेलंगाना 17
14. झारखण्ड 14
15. असम 14
16. पंजाब 13
17. छत्तीसगढ़ 11
18. हरियाणा 10
19. जम्मू-कश्मीर 6
20. उत्तराखंड 5
21. हिमाचल प्रदेश 4
22. मेघालय 2
23. अरुणाचल प्रदेश 2
24. गोवा 2
25. मणिपुर 2
26. त्रिपुरा 2
27. सिकिक्म 1
28. नागालैंड 1
29. मिजोरम 1
संघीय क्षेत्र 
1. दिल्ली 7
2. पुडुचेरी 1
3. चंडीगढ़ 1
4. दादर व् नागर हवेली 1
5. अंडमान निकोबार 1
6. लक्षद्वीप 1
7. दमन एवं दीप 1

लोकसभा के सदस्यता के लिए अनिवार्य योग्यता निम्न है :

  1. वह व्यक्ति भारत का नागरिक हो।
  2. उसकी आयु 25 वर्ष या इससे अधिक हो
  3. भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अंतर्गत वह कोई लाभ के पद पर नहीं हो।
  4. वह पागल व दिवालिया न हो
  • लोकसभा का अधिकतम कार्यकाल सामान्यतः 5 वर्ष का होता है।
  • मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है (अनुच्छेद 75(3) ]
  • प्रधानमंत्री के परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति के द्वारा लोकसभा को समय से प्रूव भी भांग किया जा सकता है ऐसा अब तक 8 बार (1970, 1977, 1979, 1984, नवंबर 1989, मार्च 1991, दिसम्बर 1997 तथा अप्रैल 1999)किया गया है।
  • आपातकाल की घोषणा लागु होने पर विधि द्वारा संसद लोकसभा के कार्यकाल में वृद्धि कर सकती है, जो एक बार में एक वर्ष से अधिक नहीं होगी। 1976 ईस्वी में लोकसभा का कार्यकाल दो बार एक-एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया था।
  • लोकसभा एवं राजयसभा के अधिवेशन राष्ट्रपति के द्वारा ही बुलाये और स्थगित किये जाते है। लोकसभा की दो बैठकों में 6 माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए।
  • लोकसभा की गणपूर्ति या कोरम कुल सदस्य संख्या का दसवा भाग (55 सदस्य) होता है।
  • संविधान के अनुच्छेद 108 में संसद के संयुक्त अधिवेशन की व्यवस्था है। संयुक्त अधिवेशन राष्ट्रपति के द्वार अनिम्न तीन स्थितियों में बुलाया जा सकता है – विधेयक एक सदन से पारित होने के बाद जब दूसरे सदन में जाये; तब यदि —
  1. दूसरे सदन द्वारा विधेयक अस्वीकार कर दिया गया हो,
  2. विधेयक पर किये जाने वाले संशोधनो के बारे में दोनों सदन अंतिम रूप से असहमत हो गए है,
  3. दूसरे सदन को विधेयक प्राप्त होने की तारीख से उसके द्वारा विधेयक पारित किये बिना 6 माह से अधिक बीत गए हो।
  • संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा के अध्यक्ष के द्वारा की जाती है (अनुच्छेद 118 (4)] संयुक्त बैठक से अध्यक्ष की अनुपस्थिति के दौरान सदन का उपाध्यक्ष या यदि वह भी अनुपस्थित है, तो ऐसा अन्य व्यक्ति पीठासीन होगा, जो उस बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा अवधारित किया जाये।
  • लोकसभा में एक दिन में तारांकित प्रश्नो की अधिकतम संख्या 20 होती है।
  • धन विधेयक के संबंध में लोकसभा का निर्णय अंतिम होता है। इस संबंध में संयुक्त अधिवेशन की व्यवस्था नहीं है।

लोकसभा के पदाधिकारी : अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष  – Parliament of India

  1. संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार लोकसभा स्वयं ही अपने सदस्यों में से एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष का निर्वाचन करेगी।
  2. अध्यक्ष उपाध्यक्ष को तथा उपाध्यक्ष अध्यक्ष को त्यागपत्र देता है।
  3. लोकसभा के अध्यक्ष, अध्यक्ष के रुप में शपथ नहीं लेता, बल्कि सामान्य सदस्य के रूप में शपथ लेता है।
  4. 14 दिन के पूर्व सूचना देकर लोकसभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष को पद से हटाया जा सकता है।
  5. लोकसभा के भंग होने की स्थिति में अध्यक्ष अपना पद अगली लोकसभा की पहली बैठक होने तक रिक्त नहीं करता है।
  6. लोकसभा में अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति द्वारा बनाये गए वरिष्ठ सदस्यों का पैनल में से कोई व्यक्ति, पीठासीन होता है। इस पैनल में आमतौर पर 6 सदस्य होते है।

लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं अधिकार

  1. सदन के सदस्यों के प्रश्नों को स्वीकार करना, उन्हें नियमित करना व नियम के विरुद्ध घोषित करना।
  2. किसी विषय को लेकर प्रस्तुत किया जाने वाला कार्य स्थगन प्रस्ताव अध्यक्ष की अनुमति से पेश किया जा सकता है।
  3. वह विचारधीन विधेयक पर बहस रुकवा सकता है।
  4. संसद सदस्यों को भाषण देने की अनुमति देना और भाषणों का क्रम व समय निर्धारित करना
  5. विभिन्न विधेयक व् प्रस्तावों पर मतदान करवाना व परिणाम घोषित करना तथा मतो की समानता की स्थिति में निर्णायक मत देने का अधिकार है।
  6. संसद व राष्ट्रपति के मध्य होने वाला पत्र व्यवहार करना तथा कोई विधेयक, धन विधेयक है या नहीं; इसका निर्णय करना।
  7. अध्यक्ष द्वार धन विधेयक के रूप में प्रमाणित विधेयक की प्रकृति के प्रश्न पर न्यायालय में या किसी सदन में या राष्ट्रपति द्वारा विचार नहीं किया जायेगा।
  8. यदि उसकी आज्ञा से कोई विधेयक गजट में प्रकाशित हो जाता है, तो उसे पेश करने के लिए किसी प्रस्ताव की आवश्यकता नहीं रहती।
  9. लोकसभा में विपक्ष के नेता को राजकोष से वेतन प्राप्त होता है व उसे कैबिनेट स्तर के मंत्री के समान समस्त सुविधाएँ प्राप्त होती है।
  10. प्रथम लोकसभा का कार्यकाल 17 अप्रैल, 1952 से 4 अप्रैल, 1957 तक रही।
  11. प्रथम लोकसभा अध्यक्ष श्री जी. वी. मावलंकर एवं उपाध्यक्ष अनंतशयनम थे।
लोकसभा के अध्यक्ष 
लोकसभा अध्यक्ष
पहली गणेश वासुदेव मावलंकर, ऍम. अनंतशयनम आयंगर
दूसरी ऍम. अनंतशयनम आयंगर
तीसरी हुकम सिंह
चौथी नीलम संजीव रेड्डी, गुरुदयाल सिंह ढिल्लो
पांचवी गुरुदयाल सिंह ढिल्लो, बलिराम भगत
छठी नीलम संजीव रेड्डी, के. एस. हेगड़े
सातवीं बलराम जाखड़
आठवीं बलराम जाखड़
नोवी रवि राय
दसवीं शिवराज वी. पाटिल
ग्यारहवीं पी. ए. संगमा
बारहवीं जी. ऍम. सी. बालयोगी
तेरहवी जी. ऍम. सी. बालयोगी, मनोहर लाल जोशी
चौदहवीं सोमनाथ चटर्जी
पंद्रहवी मीरा कुमार
सोलहवीं सुमित्रा महाजन
सत्रहवीं ओम बिरला
 
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