भारत का स्वतंत्रता संघर्ष महत्वपूर्ण तथ्य

भारत का स्वतंत्रता संघर्ष महत्वपूर्ण तथ्य में हमने आपके लिए स्वतंत्रता संघर्ष का निचोड़ तेयार किया है जिसमे से एक-दो प्रश्न प्रत्येक कम्पटीशन exams में अवश्य पूछे जाते है तो चलिए सुरु करते है –

भारत का स्वतंत्रता संघर्ष महत्वपूर्ण तथ्य

भारत का स्वतंत्रता संघर्ष महत्वपूर्ण तथ्य का पूरा निचोड़ सिर्फ 31 पॉइंट में –

  1. लार्ड कर्जन ने 20 जुलाई, 1905 ई को बंगाल-विभाजन के निर्णय की घोषणा की
  2. बंगाल विभाजन के विरोध में 7 अगस्त, 1905 ई को कलकत्ता के टाउन हाल में स्वदेशी आन्दोलन की घोषणा की गई
  3. स्वदेशी आन्दोलन चलाने के तरीके को लेकर ही कांग्रेस 1907 ई के सुरत अधिवेशन में गरम दल एवम नरम दल में विभाजित हो गया
  4. 1 नवम्बर 1913 ई में अनेक भारतीयों ने लाला हरदयाल के नेतृत्व में फ्रांसिस्को (अमेरिका) में गदर पार्टी की स्थापना की इसी दिन गदर अख़बार का पहला अंक प्रकाशित हुआ
  5. 1915 ई में अंग्रेज सरका ने केसर-ए-हिन्द की उपाधि महात्मा गाँधी को दी
  6. कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन (1916) में कांग्रस के दोनों दलों में एकता हो गई
  7. बाल गंगाधर तिलक ने स्वशासन प्राप्ति हेतु मार्च, 1916 ई को पुन में होमरुल की स्थापना की
  8. गाँधी जी ने प्रथम विश्वयुद्ध में सेना में भर्ती होने के लिए भारतीय लोगो को प्रोत्साहित करने का काम किया इसलिए लोग इन्हें भर्ती कराने वाले सार्जेंट कहने लगे
  9. 1916 ई में गाँधीजी ने अहमदाबाद के करीब साबरमती आश्रम की स्थापना की
  10. बिहार के एक किसान नेता राजकुमार ने गाँधी जी को चम्पारण आने को प्रेरित किया
  11. गाँधी जी ने सत्याग्रह का सर्वप्रथम प्रयोग दक्षिण अफ्रीका में किया और भारत में सत्याग्रह का सर्वप्रथम प्रयोग 1917 ई में चम्पारण (बिहार) में किया गया
  12. बेसेंट ने 20 अगस्त, 1917 ई में होमेरुल लीग को समाप्त करने की घोषणा की
  13. महात्मा गाँधी जी ने पहली बार भूख हड़ताल अहमदाबाद मिल मजदूरों के हड़ताल (1918 ई) के समर्थन में की थी
  14. गाँधी जी ने 1918 ई में गुजरात के खेडा जिले में कर नही आन्दोलन चलाया
  15. 19 मार्च, 1919 ई को रोलेट एक्ट लागु किया गया इसके अनुसार किसी भी व्यक्ति को केवल संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया जा सकता था
  16. गाँधी जी ने रोलेट एक्ट के विरुद्ध में 6 अप्रेल, 1919 ई को देशव्यापी हड़ताल करवाई थी
  17. 13 अप्रैल, 1919 ई को अमृतसर के जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ इसमें हंसराज नामक भारतीय ने डायर का साथ दिया था
  18. जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के विरोध में महात्मा गाँधी ने ‘केसर-ए-हिन्द’ की उपाधि और रविन्द्र नाथ टेगोर ने ‘सर’ की उपाधि वापस लोटा दी
  19. कांग्रेस ने जलियावाला बाग हत्याकांड की जाँच के लिए मदन मोहन मालवीय के नेतृत्व में एक आयोग नियुक्त किया यह बाग कभी जल्ली नामक व्यक्ति की सम्पत्ति थी
  20. खिलाफत आन्दोलन भारतीय मुसलमानों का मित्र राष्ट्रों के विरुद्ध विशेषकर ब्रिटेन के खिलाफ टर्की के खलीफा के समर्थन में आन्दोलन था यह 19 अक्टूबर, 1919 ई को समूचे देश में खिलाफत दिवस के रूप में मनाया जाता है
  21. रोलेट एक्ट, जलियावाला बाग़ हत्याकांड और खिलाफत आन्दोलन के उत्तर में गाँधीजी ने 1 अगस्त, 1920 ई को असहयोग आन्दोलन प्रारम्भ किया
  22. 5 फरवरी, 1922 ई को गोरखपुर जिले के चोरी चोरा नामक स्थान पर असहयोग आंदोलनकारियो ने थाने में आग लगा दी जिससे एक थानेदार एवम 21 सिपाही की मृत्यु हो गई थी इसलिए गाँधी जी ने इसे 11 फरवरी, 1922 को स्थगित कर दिया
  23. साइमन कमिशन 3 फरवरी, 1928 ई को भारत आया इसे वाइट मैन कमिशन भी कहते है
  24. 30 अक्टूबर, 1928 ई को लाहोर में साइमन आयोग के विरुद्ध प्रदर्शन करते समय पुलिस की लाठी से लाला लाजपत राय घायल हो गये और बाद में म्रत्यु हो गई
  25. भगत सिंह के नेतृत्व में पंजाब के क्रांतिकारियों ने 17 दिसंबर 1928 ई को लाहोर के तत्कालीन सहायक पुलिस कप्तान सांडर्स को गोली मार दी
  26. पब्लिक साफ्टी बिल पास होने के विरोध में 8 अप्रैल, 1929 ई को बटुकेश्वर दत्त एवम भगत सिंह ने दिल्ही में सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेम्बली में खाली बेंचो पर बम फेका इनका मकसद किसी की जान लेना नही बल्कि बहरे कानो तक आवज पहुंचाना था
  27. कांग्रेस के 1929 ई के लाहोर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज का अपना लक्ष्य घोषित किया था इस अधिवेशन की अध्यक्षता जवाहर लाल नेहरु कर रहे थे
  28. 12 मार्च, 1930 ई को गाँधी जी ने अपने 79 समर्थको के साथ साबरमती स्थित अपने आश्रम से लगभग 322 Km दूर दांडी के लिए प्रस्थान किया लगभग 24 दिनों के बाद 6 अप्रैल, 1930 ई को दांडी पहुचकर गाँधी जी ने नमक कानून तोडा और सविनय अवज्ञा आन्दोलन की शुरुआत्त की
  29. 4 मार्च, 1931 ई को गाँधी-इरविन पेक्ट हुआ इसके बाद सविनय अवज्ञा आन्दोलन को स्थगित कर दिया इसे दिल्ली समझोते के नाम से भी जाना जाता है
  30. 23 मार्च, 1931 ई को सुखदेव, भगतसिंह एवम राजगुरु को फांसी पर लटका दिया
  31. गाँधी जी के भारत छोड़ो प्रस्ताव को कांग्रेस कार्यसमिति ने 8 अगस्त, 1942 ई को स्वीकार कर लिया इसी आन्दोलन में गाँधी जी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया

हमारा यह दावा है कि उपरोक्त आर्टिकल ‘भारत का स्वतंत्रता संघर्ष महत्वपूर्ण तथ्य’ का पूरा निचोड़ सिर्फ 31 पॉइंट में’ आपकी प्रत्येक एग्जाम में अंको को बढ़ाने में मदद करेगा इसलिए उपरोक्त पॉइंट को धयान से याद करे और इसे अपने दोस्तों के साथ भी share करे

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