पृष्ठ तनाव वह बल है जिसके कारण वह किसी भी पदार्थ को अपने अंदर आने से रोकता है या रोकने की कोशिश करता है। इसमे हम जानेगे कि पृष्ठ तनाव किसे कहते हैं पृष्ठ तनाव की परिभाषा, मात्रक और दैनिक जीवन में घटने वाली घटनाए जानेंगे – वर्षा की बूंद आखिर किस वजह से गोल होती है ?
- संसंजक बल – एक ही पदार्थ के अणुओं के मध्य लगने वाले आकर्षण-बल को संसंजक बल कहते है। ठोसों में संसंजक बल का मान अधिक होता है, फलस्वरूप उनके आकर निश्चित होते है। गैसों में संसंजक बल का मान नगण्य होता है।
- आसंजक बल – दो भिन्न पदार्थो के अणुओं के बीच लगने वाले आकर्षण-बल को आसंजक बल कहते है। आसंजक बल के कारण ही एक वस्तु दूसरे से चिपकती है।
पृष्ठ तनाव का सूत्र और SI मात्रक :-
स्वतंत्र पृष्ठ में कम से कम क्षेत्रफल प्राप्त करने की प्रवृत्ति होती है, जिसके कारण उसका पृष्ठ तनाव की स्थिति में रहती है। इसे ही पृष्ठ तनाव कहते है। किसी द्रव का पृष्ठ तनाव वह बल है, जो द्रव के पृष्ठ पर खींची गयी काल्पनिक रेखा की इकाई लम्बाई पर रेखा के लंबवत् कार्य करता है। यदि रेखा की लम्बाई l पर F बल कार्य करता है तो –
पृष्ठ तनाव, T = F / l
- पृष्ठ तनाव का SI मात्रक न्यूटन / मीटर होता है।
- द्रव के पृष्ठ के क्षेत्रफल में एकांक वृद्धि करने के लिए किया गया कार्य द्रव्य के पृष्ठ तनाव के बराबर होता है। इसके अनुसार पृष्ठ तनाव का मात्रक जूल / मीटर स्क्वायर होगा।
- द्रव का ताप बढ़ाने पर पृष्ठ तनाव कम हो जाता है और क्रांतिक ताप पर यह शून्य हो जाता है।
केशिकत्व :
- केशनली एक ऐसी खोखली नली, जिसकी त्रिज्या बहुत कम तथा एक समान होती है।
- केशनली में द्रव के ऊपर चढ़ने या नीचे दबने की घटना को केशिकत्व कहते है।
- किस सीमा तक द्रव केशनली में चढ़ता या उतरता है, यह केशनली की त्रिज्या पर निर्भर करता है। संकीर्ण नाली में द्रव का चढ़ाव अधिक तथा चौड़ी नली में द्रव्य का चढ़ाव कम होता है।
- सामान्यतः जो द्रव काँच को भिंगोता है, वह केशनली में ऊपर चढ़ जाता है और जो द्रव काँच को नहीं भिंगोता है वह नीचे दब जाता है; जैसे – जब केशनली को पानी में डुबाया जाता है, तो पानी ऊपर चढ़ जाता है और पानी का सतह केशनली के अंदर धसां हुआ रहता है। इसके विपरीत जब केशनली को परे में डुबाया जाता है, तो पारा केशनली में बर्तन में रखे परे की सतह से नीचे ही रहता है और केशनली में पारा की सतह उभरा हुआ रहता है।
केशिकत्व का उदाहरण – Surface Tension पृष्ठ तनाव का दैनिक जीवन में महत्व
- ब्लॉटिंग पेपर – स्याही को शीघ्र सोख लेता है, क्योंकि इसमें बने छोटे-छोटे छिद्र केशनली की तरह कार्य करती है।
- लालटेन या लैम्प की बत्ती में केशिकत्व के कारण ही तेल ऊपर चढ़ता है।
- पेड़-पौधों की शाखाओं, तनों एवं पत्तियों तक जल और आवश्यक लवण केशिकत्व की क्रिया के द्वारा ही पहुंचते है।
- कृत्रिम उपग्रह के अंदर यदि किसी केशनली को जल में खड़ा किया जाये तो नाली में चढ़ने वाले जल स्तम्भ का प्रभावी भर शून्य होने के कारण जल नाली के दूसरे सिरे तक पहुँच जायेगा चाहे केशनली कितनी भी लम्बी क्यों न हो।
- वर्षा के बाद किसान अपने खेतों की जुताई कर देते है, ताकि मिट्टी में बनी केशनलियाँ टूट जाएं और पानी ऊपर न आ सके व् मिट्टी में नमी बनी रहे।
Surface Tension पृष्ठ तनाव का दैनिक जीवन में घटने वाली घटनाए :
- पतली सुई पृष्ठ तनाव के कारण ही पानी पर तैराई जा सकती है।
- साबुन, डिटर्जेंट आदि जल का पृष्ठ तनाव कम कर देते है, अतः वे मैल में गहराई तक चले जाते है जिससे कपड़ा ज्यादा साफ़ होता है।
- साबुन के घोल के बुलबुले बड़े इसलिए बनते है कि जल में साबुन घोलने पर उसका पृष्ठ तनाव कम हो जाता है।
- पानी पर मच्छरों के लार्वा तैरते रहते है, परन्तु पानी में मिट्टी का तेल छिड़क देने पर उसका पृष्ठ तनाव कम हो जाता है, जिससे लार्वा पानी में डूबकर मर जाते है।
- गर्म सूप स्वादिष्ट लगता है, क्योंकि गर्म द्रव पृष्ठ तनाव कम होता है, अतः वह जीभ के ऊपर सभी भागों में अच्छी तरह फैल जाता है।