वृत्त (Circle) की परिभाषा, जीवा (Chord), त्रिज्या (Radius), व्यास, परिधि (Circumference) जेसे basic ज्ञान के साथ-साथ वृत्त पर आधारित प्रमेय (Important Properties of Circles) से सम्बंधित 16 महत्वपूर्ण तथ्यों को बताया गया है

वृत्त (Circle) की परिभाषा :
एक तल में स्थित उन सभी बिन्दुओ का समुच्चय जिनमे से प्रत्येक बिंदु एक स्थिर बिंदु से एक अचर दूरी पर स्थित है, वृत्त कहलाता है स्थिर बिंदु O वृत्त का केंद्र कहलाता है
O से वृत्त पर स्थित किसी बिंदु A की दूरी OA, वृत्त की त्रिज्या कहलाती है

माना किसी वृत्त का केंद्र O तथा त्रिज्या r है
I) वृत्त का बाह्य भाग : कोई बिंदु B वृत्त के बाह्य भाग में होगा यदि OA > r
II) वृत्त का आंतरिक भाग : कोई बिंदु C वृत्त के आंतरिक भाग में होगा, यदि OC < r
III) कोई बिंदु A वृत्त पर होगा, यदि OA = r
IV) जीवा (Chord) : एक रेखाखंड PQ जिसके अंतिम बिंदु P तथा Q वृत्त के ऊपर हो, वृत्त की जीवा कहलाता है
V) व्यास : वृत्त के केंद्र से गुजरने वाली जीवा व्यास कहलाती है व्यास = 2 × त्रिज्या
नोट 1. व्यास किसी वृत्त की सबसे बड़ी जीवा है

नोट 2. व्यास वृत्त को दो बराबर भागों में बांटता है प्रत्येक भाग को अर्द्धवृत्त कहते है
साथ में दिये गये चित्र में वृत्त का केंद्र O है AB वृत्त का व्यास है तथा APB एवम AQB में से प्रत्येक अर्द्धवृत्त है
VI) चाप (Arc) : वृत्त का कोई भी भाग चाप कहलाता है यदि चाप अर्द्धवृत्त से छोटी हो, तो इसे लघु चाप कहते है यदि चाप अर्द्धवृत्त से बड़ी हो, तो इसे दीर्घ चाप कहते है साथ में दी गई आकृति में APB एक लघु चाप है तथा AQB एक दीर्घ चाप है

VII) वृत्त खण्ड (Segment) : एक चाप तथा इसके अंतिम छोरों को मिलाने वाली सरल रेखा के बीच के क्षेत्र को वृत्त खण्ड कहते है लघु चाप से बना वृत्त खण्ड, लघु वृत्त-खण्ड कहते है लघु चाप से बना वृत्त खण्ड, लघु वृत्त खण्ड कहलाता है ठता दीर्घ चाप से बना वृत्त वृत्त खण्ड, दीर्घ वृत्त-खण्ड कहलाता है दी गई आकृति में वृत्त खण्ड APB, लघु वृत्त खण्ड है तथा वृत्त खण्ड AQB, दीर्घ वृत्त खण्ड है

VIII) वृत्त का द्वेत्रिज्य / त्रिज्याखंड (Sector of a Circle) : दो त्रिज्याओ तथा उनके अंतिम बिन्दुओ से बनने वाले चाप से घिरे क्षेत्र को वृत्त का द्वेत्रिज्य कहते है

दिये गये चित्र में वृत्त का केंद्र O है तथा OAB एक द्वेत्रिज्य है
IX) वृत्त की परिधि (Circumcircle) : वृत्त के परिमाप को उसकी परिधि कहते है त्रिज्या r के वृत्त की परिधि = 2⋅π⋅r
X) समकेन्द्रीय वृत्त (Concentric Circle) : किसी ताल में एक ही केंद्र से खीचे गये विभिन्न त्रिज्याओ के वृत्त, समकेन्द्रीय वृत्त कहते है
XI) त्रिभुज का परिवृत (Circumcircle) : वह वृत्त जो किसी त्रिभुज के शीर्ष बिन्दुओ से होकर गुजरता है, उस त्रिभुज का परिवृत कहलाता है

XII) चक्रीय चत्रभुज (Cyclic Quadrilateral) : एक ऐसा चतुर्भुज जिसके चारों शीर्ष बिंदु किसी वृत्त पर स्थित हो, एक चक्रीय चतुर्भुज कहलाता है
